Wednesday 23 August 2017

योनि की खुजली

कई कारणों से स्त्रियों की योनि में खुजली (कण्डु) होने लगती है। खुजली होने पर युवती को बार-बार अपना हाथ वहाँ ले जाना पड़ता है, यह अशोभनीय लगता है। योनि में खुजली होने के कई कारण हो सकते हैं, इन कारणों में संक्रमण (इन्फेक्शन) होना, गन्दगी यानी रोजाना सफाई-धुलाई न करने से अस्वच्छता का होना, फिरंग, पूयमेह या उपदंश आदि यौन रोग होना, रक्त विकार होना, हमेशा कब्ज रहना और पति के यौनांग में कोई इन्फेक्शन होना, जिस कारण पति सहवास के समय सम्पर्क होने से योनि में भी इन्फेक्शन होना आदि प्रमुख कारण हैं। इस व्याधि में योनि मार्ग पर लाल दाने और दाह भी हो सकता है। यह व्याधि आमतौर पर स्त्रियों में पाई जा रही है। चिकित्सा (1) नीम, हरड़, बहेड़ा, आँवला और जमाल घोटा की जड़ 100-100 ग्राम लेकर जौकुट कर लें और बर्नी में भरकर रख लें। एक गिलास पानी में चार चम्मच जौकुट चूर्ण डालकर उबालें। जब पानी एक कप बचे, तब उतारकर कपड़े से छान लें। इस पानी से योनि को धोएँ या इस पानी में कपड़ा या साफ रूई भिगोकर योनि में रखकर 1-2 घण्टे लेटे रहें तो भी लाभ होता है। यह प्रयोग रात को सोते समय भी कर सकते हैं। प्रसिद्ध आयुर्वेदिक 'धातक्यादि तेल' का फाहा सोते समय योनि में रखने से शीघ्र लाभ होता है। (2) सरसों के तेल में नमक मिलाकर योनि के खुजली वाले स्थान पर लगाएँ व कुछ समय बाद धो दें। (3) आमलकी रसायन, शकर 50-50 ग्राम और गिलोय सत्व 25 ग्राम तीनों को मिलाकर बारीक पीस लें और महीन चूर्ण करके शीशी में भर लें। इस चूर्ण को 1-1 चम्मच दिन में तीन बार पानी के साथ लें। सुबह-शाम चन्दनादि वटी की 2-2 गोली पानी के साथ लें और रात को सोते समय धातक्यादि तेल का रूई का फाहा योनि में रखें। (4) रात को एक कप कुनकुने दूध में 2 चम्मच केस्टर ऑइल डालकर तीन दिन तक पिएं। तीन दिन बाद शिलाजत्वादि वटी और चन्द्रप्रभा वटी नं.-1 दो-दो गोली सुबह-शाम दूध के साथ लें व 'धातक्यादि तेल' का फाहा योनि में रखे। इसके बाद सुबह त्रिफला चूर्ण 20 ग्राम को पानी में उबलकर ठंडा करें, उसमें शहद मिलाकर योनि प्रदेश की सफाई करें, फिर स्नान करते समय पानी से धोएं। (5) नीम के पत्तों को पानी में उबालकर उसी पानी से योनि की सफाई करें। नारियल के तेल में कपूर मिलाकर योनि पर लगाने से भी खुजली दूर होती है। (6) एक गिलास छाछ में नीबू निचोड़कर सुबह खाली पेट पिएं। 3-4 दिन यह प्रयोग करने से खुजली दूर हो जाती है। (7) 100 ग्राम फिटकरी का बारीक चूर्ण कर लें। 5 ग्राम चूर्ण आधा लीटर गुनगुने पानी में मिलाकर उससे योनि साफ करें, ऐसा दिन में 3-4 बार करें, आराम मिलेगा। (8) गूलर के पेड़ की कुछ पत्तियां आधा लीटर पानी में उबालें, उसमें एक ग्राम सुहागा मिलाकर पिचकारी की तरह योनि में छोड़ें, खुजली में आराम मिलेगा। (9) एरंड के तेल का फाहा बनाकर योनि में रखने से योनि दर्द, सूजन व खुजली में आराम मिलता है। (10) नीम के फल का बीज और एरंड के बीजों को नीम के रस में पीसकर योनि पर लेप करने से सूजन, दर्द दूर होता है। यह प्रयोग तीन दिन तक करना चाहिए। (11) अफीम के डोडे का काढ़ा बनाएं, इसे प्रसव के बाद होने वाले योनिशूल या गर्भाशय पीड़ा में प्रसूता को पिलाने से आराम मिलता है। नारियल की गिरि खिलाने से प्रसूति बाद का दर्द दूर होता है। (12) प्रसव के समय योनि में क्षत (घाव या छिलन) होने पर लोध्र का महीन पिसा चूर्ण शहद में मिलाकर योनि के अन्दर लगाने से क्षत ठीक होते हैं। पुष्यानुग चूर्ण : केसर के स्थान पर नागकेसर डालकर बनाया गया योग पुष्यानुग चूर्ण नंबर 2 महिलाओं के गर्भाशय एवं योनि प्रदेश से संबंधित व्याधियों के लिए अत्यंत लाभकारी है। इस योग की विशेषता यह है कि यह अकेला ही सभी प्रकार के प्रदर रोगों के अलावा गर्भाशय शोथ, गर्भाशयभ्रंश, योनिक्षत आदि कई रोगों को दूर करता है। यह इसी नाम से बना बनाया बाजार में मिलता है

ब्लड प्रेशर

आजकल की रोजाना की दिनचर्या में ब्लडप्रेशर (रक्तचाप) की बात होना एक आम बात हो गई है। ब्लडप्रेशर के कारण संभोग शक्ति में भी काफी कमजोरी आ जाती है। ह्रदय से धमनियों के द्वारा हर समय रक्त संचार होता रहता है। एक सही व स्वस्थ व्यक्ति का उच्च रक्तचाप 100 से 140 तथा निम्न रक्तचाप 60 से 90 के बीच में होना चाहिए।

दिमागी परेशानी, अधिक गुस्सा, दुख, अधिक मेहनत न करना तथा अधिक तेल-चटपटे मसालेदार चीजों का अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने से भी ब्लड प्रेशर के रोग की शिकायत हो जाती है। तथा इसके विपरीत शराब, तंबाकू या ध्रूमपान आदि का ज्यादा सेवन किया जाता है तो ब्लड प्रेशर की समस्या ओर अधिक मात्रा में बढ सकती है। एक खोज से पता चला है कि ब्लड प्रेशर की वजह से संभोग करने में रुचि न होना, बहुत जल्द वीर्य पतन तथा नपुंसकता (नामर्दी) भी हो सकता है। ब्लड प्रेशर की शिकायत बहुत लंबे समय तक होने तक दिल का दौरा भी पड़ सकता है।

सेक्स के समय ब्लड प्रेशर- 

ब्लडप्रेशर हर समय एक समान नहीं रह सकता है। दिमागी परेशानी, अधिक गुस्सा करने, भयभीत रहने एंव कठिन परिश्रम करने से भी ब्लड प्रेशर कुछ-कुछ बढ़ जाता है। संभोग करते समय शरीर के खून की गति में तेजी से संचार होता रहता है। सेक्स करते समय ह्रदय की गति 70-80 से बढ़कर 100-120 तक पहुंच जाती है लेकिन चरम सीमा तक पहुंचते-पहुंचते 130-160 के आसपास पहुंच जाती है। संभोग करते समय सेक्स करने वाली स्त्री को भी ज्यादा से ज्यादा खून की आवश्यकता होती है। इसलिए ह्रदय की गति और ब्लड प्रेशर भी बहुत अधिक बढ़ जाता है।

ब्लडप्रेशर पर नियंत्रण­– 

ब्लडप्रेशर के रोगी को कई प्रकार से सेक्स की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित लंबे समय से रोगी को संभोग करने में मन न लगना, वीर्य का जल्दी गिरना तथा नामर्दी की समस्या दिखाई देने लगती है। उच्च रक्तचाप के वेग को रोकने के लिए मरीज को अपने पूरे दिन की देख-रेख तथा खाने-पीने के बारे में बदलाव करना बहुत ही आवश्यक है। उच्च रक्तचाप का रोगी जब संभोग करता है तो उसका उच्च रक्तचाप बहुत अधिक मात्रा में हो जाता है। इस वजह से उसे ह्रदय का रोग, एंजाइना या लकवा होने की शिकायत हो सकती है।

अगर उच्च रक्तचाप का रोगी बीड़ी-सिगरेट, शराब तथा पान-तंबाकू का इस्तेमाल बहुत अधिक करता है तो उसे ये सभी पदार्थ तुरंत ही बंद कर देने चाहिए। उन्हें हमेशा तरल पदार्थ ही लेने चाहिए। वसा एवं चर्बी युक्त खाने का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। नमक का इस्तेमाल खाने में बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। जरुरत के अनुसार योग और आसन करना चाहिए। उच्च रक्तचाप के लोग जिन दवाईयों का प्रयोग करते है वह दवाईयां भी सेक्स शक्ति को नुकसान पहुचा सकती है। इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए।

ब्लड प्रेशर की औषधिः 

उच्च रक्तचाप को सही करने के लिए जो दवाईयां प्रयोग की जाती है वे सेक्स पावर को प्रभावित करती है। इटली के आविष्कारक के अनुसार उच्च रक्तचाप को कंट्रोल में करने के लिए प्रयोग में लाने वाली औषधि एटेनोलोल एंव लिसिनोप्रिल के इस्तेमाल करने से पुरुषों की सेक्स शक्ति और शरीर में बहुत अधिक कमजोरी आ जाती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पेशाब की मात्रा बढ़ाने वाली दवाईयां भी अधिकतर सेक्स शक्ति को कम कर देती है। परंतु उच्च रक्तचाप में प्रयोग में आने वाली काप्टोप्रिल जैसी दवाईयां सेक्स पावर को आकर्षित नहीं करती है। अगर उच्च रक्तचाप की गोलियां लेने से सेक्स शक्ति में कमी आती हो तो आप शीघ्र ही किसी अच्छे डाक्टर से सलाह ले सकते हैं।

बवासीर का आयुर्वेदिक उपचार

बवासीर या हैमरॉइड से अधिकतर लोग पीड़ित रहते हैं। इस बीमारी के होने का प्रमुख कारण अनियमित दिनचर्या और खान-पान है। बवासीर में होने वाला दर्द असहनीय होता है।

बवासीर मलाशय के आसपास की नसों की सूजन के कारण विकसित होता है। बवासीर दो तरह की होती है, अंदरूनी और बाहरी। अंदरूनी बवासीर में नसों की सूजन दिखती नहीं पर महसूस होती है, जबकि बाहरी बवासीर में यह सूजन गुदा के बिलकुल बाहर दिखती है।

बवासीर को पहचानना बहुत ही आसान है। मलत्याग के समय मलाशय में अत्यधिक पीड़ा और इसके बाद रक्तस्राव, खुजली इसका लक्षण है। इसके कारण गुदे में सूजन हो जाती है। आयुर्वेदिक औषधियों को अपनाकर बवासीर से छुटकारा पाया जा सकता है।

बवासीर के आयुर्वेदिक उपचार 

1. डेढ़-दो कागज़ी नींबू अनिमा के साधन से गुदा में लें। 10-15 मिनट के अंतराल के बाद थोड़ी देर में इसे लेते रहिए उसके बाद शौच जायें। यह प्रयोग 4-5 दिन में एक बार करें। इसे 3 बार प्रयोग करने से बवासीर में लाभ होता है ।
2. हरड या बाल हरड का प्रतिदिन सेवन करने से आराम मिलता है। अर्श (बवासीर) पर अरंडी का तेल लगाने से फायदा होता है।
3. नीम का तेल मस्सों पर लगाइए और इस तेली की 4-5 बूंद रोज़ पीने से बवासीर में लाभ होता है।
4. करीब दो लीटर मट्ठा लेकर उसमे 50 ग्राम पिसा हुआ जीरा और थोडा नमक मिला दें। जब भी प्यास लगे तब पानी की जगह यह छांछ पियें। चार दिन तक यह प्रयोग करेने से मस्‍सा ठीक हो जाता है।
5.  इसबगोल भूसी का प्रयोग करने से से अनियमित और कड़े मल से राहत मिलती है। इससे कुछ हद तक पेट भी साफ रहता है और मस्‍सा ज्‍यादा दर्द भी नही करता।
6. आराम पहुंचानेवाली क्रीम, मरहम, वगैरह का प्रयोग आपको पीड़ा और खुजली से आराम दिला सकते हैं।
7. बवासीर के उपचार के लिये इन आयुर्वेदिक औषधियों का प्रयोग आप कर सकते हैं। अर्शकुमार रस, तीक्ष्णमुख रस, अष्टांग रस, नित्योदित रस, रस गुटिका, बोलबद्ध रस, पंचानन वटी, बाहुशाल गुड़ औषधियां बवासीर में फायदेमंद हैं।

इन औषधियों के प्रयोग के अलावा अपनी आंतों की गतिविधियों को सामान्‍य रखने के लिये, फल, सब्ज़ियां, ब्राउन राईस, ब्राउन ब्रेड जैसे रेशेयुक्त आहार का सेवन कीजिए। ज्‍यादा मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन कीजिए।

बवासीर में रक्तस्राव कम करने के उपचार

पाचन प्रणाली की निचली पाचन नलिका में दोष उत्पन्न होने के कारण एक बीमारी होती है, जिसे बवासीर कहते हैं। यह बादी और खूनी दो प्रकार का होता है, जो अत्यन्त दर्दनाक होता है। इस रोग में ऐनस की शिराओं में सूजन या फूलने से मटर के दाने जैसे मांस के अंकुर निकल आते हैं।

अनियमित जीवनशैली, लगातार बैठकर काम करने, लम्बे समय से कब्ज की शिकायत बवासीर के कारण हैं। इस बीमारी से निपटने के कई नुस्खे उपल्बध हैं। लेकिन अकसर लोग बवासीर के दौरान रक्तस्राव होने से काफी परेशान हो जाते हैं। उन्हें यह पता नहीं होता है कि इस दौरान किस प्रकार ऐनस की सूजन व दर्द से राहत मिल सकती है। आइए जानें बवासीर में रक्तस्राव के दौरान क्या करना चाहिए।

हल्के गर्म पानी की सेंक 

जब बवासीर की समस्या के दौरान रक्तस्राव होने लगे तो एक टब में हल्का गर्म पानी लें और उसमें कम से कम 15 मिनट तक बैठें। रक्तस्राव होने पर यह प्रक्रिया दिन में तीन बार करनी चाहिए। गर्म पानी की सेंक लगने से बवासीर में होने वाले दर्द व सूजन में आराम मिलता है साथ ही ऐसा करने से रक्तस्राव कम होता है और बवासीर वाली जगह साफ हो जाती है।

सिट्ज बाथ लें

बवासीर में रक्तस्राव होने पर  सिट्ज बाथ काफी फायदेमंद साबित होता है। आप अपने पास के मेडिकल स्टोर से प्लास्टिक सिट्ज बाथ खरीद सकते हैं। इसे आप आसानी से अपने टॉयलेट सीट पर रख सकते हैं। अब इसमें हल्का गर्म पानी डालें और कम से कम 15-20 तक बैठें। इस प्रक्रिया से आपको काफी आराम महसूस होगा।

दवा लगाएं 

बवासीर के दौरान रक्तस्राव की समस्या को रोकने के लिए ट्यूब वाली दवा की मदद ले सकते हैं। डॉक्टर द्वारा बतायी गयी इन दवाओं को लगाने से दर्द व सूजन में काफी आराम मिलता है। इन दवाओं को आप रक्तस्राव के दौरान भी लगा सकते हैं।

कोल्ड कंप्रेस 

बवासीर में होने वाली खुजली व सूजन को कम करने के लिए कोल्ड कंप्रेस की मदद ले सकते हैं। कोल्ड कंप्रेस करने के लिए ऐनस की सूजन वाली जगह बर्फ या ठंडे पानी की सेंक दी जाती है जिससे सूजन में आराम मिलता है। साथ ही रक्तस्राव को भी कम करता है।

सॉफ्ट टॉयलेट पेपर प्रयोग करें

अगर आपको बवासीर की समस्या है और रक्तस्राव हो रहा है तो आपको सॉफ्ट टॉयलेट पेपर का प्रयोग करना चाहिए। बवासीर वाली जगह को रगड़े नहीं उस जगह को थपथपा कर सुखाएं। रगड़ने से उस जगह पर जलन व दर्द की समस्या बढ़ सकती है।

गर्भवती होने के कुछ बेहतरीन उपाय

मां बनना जिंदगी के बेहतरीन अनुभवों में से एक है। पर मातृत्व की यह राह इतनी मुश्किल भी नहीं है। हर उम्र में गर्भावस्था के दौरान कुछ खास परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस लेख में जानें गर्भवती होने के कुछ बेहतरीन उपाय।

कई मामलों में ऐसा होता है कि कोई महिला गर्भवती नहीं होना चाहती फिर भी वो गर्भवती हो जाती है। ठीक इसके विपरीत कई मामलों में ऐसा होता है कि कोई महिला गर्भवती होकर मातृत्व सुख प्राप्त करना चाहती है लेकिन लाख चाहने के बावजूद वो गर्भवती नहीं हो पाती।

अगर आपकी अभी-अभी शादी हुई है और आप गर्भवती होना चाहती हैं या कई सालों तक परिवार नियोजन अपनाने के बाद अब आप गर्भधारण करना चाहती हैं या लाख चाहने के बावजूद आप गर्भवती नहीं हो पा रही हैं तो निम्नलिखित उपायों को अपनाकर आप सफलतापूर्वक गर्भधारण कर सकती हैं।

गर्भधारण करने के कुछ आसान और बेहतरीन उपाय- 

1. गर्भवती होने के लिए सिर्फ सहवास करना जरुरी नहीं होता बल्कि सही समय पर सहवास करना जरुरी होता है। महिला का शरीर ऐसा नहीं होता जो कभी भी गर्भवती हो सके। उसका एक निश्चित समय होता है, एक छोटी सी अवधि होती है। आप उस अवधि को पहचानें और उस समय सहवास करें।
2. गर्भवती होने के लिए ओवयूलेशन के पहले सेक्स यानि सहवास करना जरुरी होता है।
3. सेक्स के वक्त तनाव में न रहे। गर्भवती होने के लिए सेक्स के वक्त आपको उसका आनंद उठाना चाहिए ताकि आपकी योनि से उचित मात्रा में तरल पदार्थों का स्राव होता रहे जो शुक्राणु को गर्भधारण करने में सहयोग दे सके।
4.  गर्भधारण करने के लिए सेक्स की स्थिति भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

इन चीजों का सेवन ना करें-

1. धूम्रपान से भी गर्भधारण करने में मुश्किल होती है। अगर आप गर्भवती हो भी जाती हैं तो सिगरेट आपके पेट में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर डालेगा और इससे आपका गर्भपात भी हो सकता है।
2. शराब एवं कुछ हानिकारक दवाइयों को लेने से बचें, इसी तरह से शराब एवं मादक दवाओं से भी दूर रहना चाहिए। क्योंकि ये आपके गर्भधारण में बाधक बन सकती हैं।
3. कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ या पेय का सेवन भी गर्भधारण में बाधक बन सकता है। कैफीन से शरीर की आयरन एवं कैल्शियम ग्रहण करने की क्षमता घट जाती है। जिससे आपके गर्भवती होने की संभावना 27 फीसदी तक कम हो सकती है।
4. संतुलित आहार लें, और मीठी चीजें भी ज्यादा न खाएं। फोलिक एसिड गर्भधारण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन किया करें, जिनमें फोलिक एसिड पाए जाते हों।

इनका सेवन करें- 

फोलिक एसिड खाएं, और दाल में फोलिक एसिड पाया जाता है, साथ ही दालें प्रोटीन का भी बहुत अच्छा स्रोत होती हैं। हरी पत्तेदार साग-सब्जियों में भी फोलिक एसिड प्रचूर मात्रा में होता है जैसे पालक इत्यादि। अतः हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन भरपूर मात्रा में किया करें। जो आपको तंदरुस्त बनाते हैं एवं गर्भधारण में मदद करते हैं। इनके अलावा आप साबुत अनाज एवं फाइबर युक्त खाना भी खाए। गर्भवती होने के लिए पर्याप्त मात्रा में कैल्सियम का सेवन भी जरुरी होता है।

सेक्स शक्ति को बढ़ाने वाले घरेलू उपाय

बाजारों में अधिक मात्रा में सेक्स शक्ति को बढ़ाने वाली दवाईयां भी मिलती है। जिसे लोग इन दवाईयों को काफी मात्रा में प्रयोग कर रहे हैं। वे लोग यह नहीं जानते हैं कि ये दवाईयां उनके शरीर पर कितना गलत प्रभाव ड़ालती है। कुछ ऐसे घरेलू उपाय है जिनको आप खुद ही तैयार करके प्रयोग में ला सकते हैं। ये घरेलू नुस्खें सरल, सस्ते, नुक्सान रहित तथा लाभदायक है। ये घरेलू नुस्खें इस प्रकार हैः-
1. आंवलाः- 
2 चम्मच आंवला के रस में एक छोटा चम्मच सूखे आंवले का चूर्ण तथा एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से सेक्स शक्ति धीरे-धीरे बढ़ती चली जाएगी।
2. पीपलः- 
पीपल का फल और पीपल की कोमल जड़ को बराबर मात्रा में लेकर चटनी बना लें। इस 2 चम्मच चटनी को 100 मि.ली. दूध तथा 400 मि.ली. पानी में मिलाकर उसे लगभग चौथाई भाग होने तक पकाएं। फिर उसे छानकर आधा कप सुबह और शाम को पी लें। इसके इस्तेमाल करने से वीर्य में तथा सेक्स करने की ताकत में वृद्धि होती है।
3. प्याजः- 
आधा चम्मच सफेद प्याज का रस, आधा चम्मच शहद तथा आधा चम्मच मिश्री के चूर्ण को मिलाकर सुबह और शाम सेवन करें। यह मिश्रण वीर्यपतन को दूर करने के लिए काफी उपयोगी रहता है।
4. चोबचीनीः-
100 ग्राम तालमखाने के बीज, 100 ग्राम चोबचीनी, 100 ग्राम ढाक का गोंद, 100 ग्राम मोचरस तथा 250 ग्राम मिश्री को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। रोजाना सुबह के समय एक चम्मच चूर्ण में 4 चम्मच मलाई मिलाकर खाएं। यह मिश्रण यौन रुपी कमजोरी, नामर्दी तथा वीर्य का जल्दी गिरना जैसे रोग को खत्म कर देता है।
5. कौंच का बीजः-
100 ग्राम कौंच के बीज और 100 ग्राम तालमखाना को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। फिर इसमें 200 ग्राम मिश्री पीसकर मिला लें। हल्के गर्म दूध में आधा चम्मच चूर्ण मिलाकर रोजाना इसको पीना चाहिए। इसको पीने से वीर्य गाढ़ा हो जाता है तथा नामर्दी दूर होती है।
6. इमलीः-
आधा किलो इमली के बीज लेकर उसके दो हिस्से कर दें। इन बीजों को तीन दिनों तक पानी में भिगोकर रख लें। इसके बाद छिलकों को उतारकर बाहर फेंक दें और सफेद बीजों को खरल में डालकर पीसें। फिर इसमें आधा किलो पिसी मिश्री मिलाकर कांच के खुले मुंह वाली एक चौड़ी शीशी में रख लें। आधा चम्मच सुबह और शाम के समय में दूध के साथ लें। इस तरह से यह उपाय वीर्य के जल्दी गिरने के रोग तथा संभोग करने की ताकत में बढ़ोतरी करता है।
7. बरगदः- 
सूर्यास्त से पहले बरगद के पेड़ से उसके पत्ते तोड़कर उसमें से निकलने वाले दूध की 10-15 बूंदें बताशे पर रखकर खाएं। इसके प्रयोग से आपका वीर्य भी बनेगा और सेक्स शक्ति भी अधिक हो जाएगी।
8. सोंठः-
4 ग्राम सोंठ, 4 ग्राम सेमल का गोंद, 2 ग्राम अकरकरा, 28 ग्राम पिप्पली तथा 30 ग्राम काले तिल को एकसाथ मिलाकर तथा कूटकर बारीक चूर्ण बना लें। रात को सोते समय आधा चम्मच चूर्ण लेकर ऊपर से एक गिलास गर्म दूध पी लें। यह रामबाण औषधि शरीर की कमजोरी को दूर करती है तथा सेक्स शक्ति को बढ़ाती है।
9. अश्वगंधाः- 
अश्वगंधा का चूर्ण, असगंध तथा बिदारीकंद को 100-100 ग्राम की मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बना लें। इसमें से आधा चम्मच चूर्ण दूध के साथ सुबह और शाम लेना चाहिए। यह मिश्रण वीर्य को ताकतवर बनाकर शीघ्रपतन की समस्या से छुटकारा दिलाता है।
10. त्रिफलाः- 
एक चम्मच त्रिफला के चूर्ण को रात को सोते समय 5 मुनक्कों के साथ लेना चाहिए तथा ऊपर से ठंडा पानी पिएं। यह चूर्ण पेट के सभी प्रकार के रोग, स्वप्नदोष तथा वीर्य का शीघ्र गिरना आदि रोगों को दूर करके शरीर को मजबूती प्रदान करता है।
11. छुहारेः- 
चार-पांच छुहारे, दो-तीन काजू तथा दो बादाम को 300 ग्राम दूध में खूब अच्छी तरह से उबालकर तथा पकाकर दो चम्मच मिश्री मिलाकर रोजाना रात को सोते समय लेना चाहिए। इससे यौन इच्छा और काम करने की शक्ति बढ़ती है।
12. उंटगन के बीजः-
6 ग्राम उंटगन के बीज, 6 ग्राम तालमखाना तथा 6 ग्राम गोखरू को समान मात्रा में लेकर आधा लीटर दूध में मिलाकर पकाएं। यह मिश्रण लगभग आधा रह जाने पर इसे उतारकर ठंडा हो जाने दें। इसे रोजाना 21 दिनों तक समय अनुसार लेते रहें। इससे नपुंसकता (नामर्दी) रोग दूर हो जाता है।
13. तुलसीः- 
आधा ग्राम तुलसी के बीज तथा 5 ग्राम पुराने गुड़ को बंगाली पान पर रखकर अच्छी तरह से चबा-चबाकर खाएं। इस मिश्रण को विस्तारपूर्वक 40 दिनों तक लेने से वीर्य बलवान बनता है, संभोग करने की इच्छा तेज हो जाती है और नपुंसकता जैसे रोग भी दूर हो जाते हैं।
14. गोखरूः-
सूखा आंवला, गोखरू, कौंच के बीज, सफेद मूसली और गुडुची सत्व- इन पांचो पदार्थों को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। एक चम्मच देशी घी और एक चम्मच मिश्री में एक चम्मच चूर्ण मिलाकर रात को सोते समय इस मिश्रण को लें। इसके बाद एक गिलास गर्म दूध पी लें। इस चूर्ण से सेक्स कार्य में अत्यंत शक्ति आती है।
15. सफेद मूसलीः- 
सालम मिश्री, तालमखाना, सफेद मूसली, कौंच के बीज, गोखरू तथा ईसबगोल- इन सबको समान मात्रा में मिलाकर बारीक चूर्ण बना लें। इस एक चम्मच चूर्ण में मिश्री मिलाकर सुबह-शाम दूध के साथ पीना चाहिए। यह वीर्य को ताकतवर बनाता है तथा सेक्स शक्ति में अधिकता लाता है।
16. हल्दीः- 
वीर्य अधिक पतला होने पर 1 चम्मच शहद में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर रोजाना सुबह के समय खाली पेट सेवन करना चाहिए। इसका विस्तृत रुप से इस्तेमाल करने से संभोग करने की शक्ति बढ़ जाती है।
17. उड़द की दालः- 
आधा चम्मच उड़द की दाल और कौंच की दो-तीन कोमल कली को बारीक पीसकर सुबह तथा शाम को लेना चाहिए। यह उपाय काफी फायदेमंद है। इस नुस्खे को रोजाना लेने से सेक्स करने की ताकत बढ़ जाती है।
18. जायफलः- 
जायफल 10 ग्राम, लौंग 10 ग्राम, चंद्रोदय 10 ग्राम, कपूर 10 ग्राम और कस्तूरी 6 ग्राम को कूट-पीसकर इस मिश्रण के चूर्ण की 60 खुराक बना लें। इसमें से एक खुराक को पान के पत्ते पर रखकर धीरे-धीरे से चबाते रहें। जब मुंह में खूब रस जमा हो जाए तो इस रस को थूके नहीं बल्कि पी जाएं। इसके बाद थोड़ी सी मलाई का इस्तेमाल करें। यह चूर्ण रोजाना लेने से नपुंसकता जैसे रोग दूर होते हैं तथा सेक्स शक्ति में वृद्धि होती है।
19. शंखपुष्पीः- 
शंखपुष्पी 100 ग्राम, ब्राह्नी 100 ग्राम, असंगध 50 ग्राम, तज 50 ग्राम, मुलहठी 50 ग्राम, शतावर 50 ग्राम, विधारा 50 ग्राम तथा शक्कर 450 ग्राम को बारीक कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर एक-एक चम्मच की मात्रा में सुबह और शाम को लेना चाहिए। इस चूर्ण को तीन महीनों तक रोजाना सेवन करने से नाईट-फाल (स्वप्न दोष), वीर्य की कमजोरी तथा नामर्दी आदि रोग समाप्त होकर सेक्स शक्ति में ताकत आती है।
20. गाजरः- 
1 किलो गाजर, चीनी 400 ग्राम, खोआ 250 ग्राम, दूध 500 ग्राम, कद्यूकस किया हुआ नारियल 10 ग्राम, किशमिश 10 ग्राम, काजू बारीक कटे हुए 10-15 पीस, एक चांदी का वर्क और 4 चम्मच देशी घी ले लें। गाजर को कद्यूकस करके कडा़ही में डालकर पकाएं। पानी के सूख जाने पर इसमें दूध, खोआ और चीनी डाल दें तथा इसे चम्मच से चलाते रहें। जब यह सारा मिश्रण गाढ़ा होने को हो तो इसमें नारियल, किशमिश, बादाम और काजू डाल दें। जब यह पदार्थ गाढ़ा हो जाए तो थाली में देशी घी लगाकर हलवे को थाली पर निकालें और ऊपर से चांदी का वर्क लगा दें। इस हलवे को चार-चार चम्मच सुबह और शाम खाकर ऊपर से दूध पीना चाहिए। यह वीर्यशक्ति बढ़ाकार शरीर को मजबूत रखता है। इससे सेक्स शक्ति भी बढ़ती है।
21. ढाकः- 
ढाक के 100 ग्राम गोंद को तवे पर भून लें। फिर 100 ग्राम तालमखानों को घी के साथ भूनें। उसके बाद दोनों को बारीक काटकर आधा चम्मच सुबह और शाम को दूध के साथ खाना खाने के दो-तीन घंटे पहले ही इसका सेवन करें। इसके कुछ ही दिनों के बाद वीर्य का पतलापन दूर होता है तथा सेक्स क्षमता में बहुत अधिक रुप से वृद्धि होती है।
22. जायफलः- 
15 ग्राम जायफल, 20 ग्राम हिंगुल भस्म, 5 ग्राम अकरकरा और 10 ग्राम केसर को मिलाकर बारीक पीस लें। इसके बाद इसमें शहद मिलाकर इमामदस्ते में घोटें। उसके बाद चने के बराबर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। रोजाना रात को सोने से 2 पहले 2 गोलियां गाढ़े दूध के साथ सेवन करें। इससे शिश्न (लिंग) का ढ़ीलापन दूर होता है तथा नामर्दी दूर हो जाती है।
23. इलायचीः-
इलायची के दानों का चूर्ण 2 ग्राम, जावित्री का चूर्ण 1 ग्राम, बादाम के 5 पीस और मिश्री 10 ग्राम ले लें। बादाम को रात के समय पानी में भिगोकर रख दें। सुबह के वक्त उसे पीसकर पेस्ट की तरह बना लें। फिर उसमें अन्य पदार्थ मिलाकर तथा दो चम्मच मक्खन मिलाकर विस्तार रुप से रोजाना सुबह के वक्त इसको सेवन करें। यह वीर्य को बढ़ाता है तथा शरीर में ताकत लाकर सेक्स शक्ति को बढ़ाता है।
 24. सेबः- 
एक अच्छा सा बड़े आकार का सेब ले लीजिए। इसमें हो सके जितनी ज्यादा से ज्यादा लौंग चुभाकर अंदर तक डाल दीजिए। इसी तरह का एक अच्छा सा बड़े आकार का नींबू ले लीजिए। इसमें जितनी ज्यादा से ज्यादा हो सके, लौंग चुभाकर अंदर तक डाल दीजिए। दोनों फलों को एक सप्ताह तक किसी बर्तन में ढककर रख दीजिए। एक सप्ताह बाद दोनों फलों में से लौंग निकालकर अलग-अलग शीशी में भरकर रख लें। पहले दिन नींबू वाले दो लौंग को बारीक कूटकर बकरी के दूध के साथ सेवन करें। इस तरह से बदल-बदलकर 40 दिनों तक 2-2 लौंग खाएं। यह एक तरह से सेक्स क्षमता को बढ़ाने वाला एक बहुत ही सरल उपाय है।
25. अजवायनः-
100 ग्राम अजवायन को सफेद प्याज के रस में भिगोकर सुखा लें। सूखने के बाद उसे फिर से प्याज के रस में गीला करके सुखा लें। इस तरह से तीन बार करें। उसके बाद इसे कूटकर किसी शीशी में भरकर रख लें। आधा चम्मच इस चूर्ण को एक चम्मच पिसी हुई मिश्री के साथ मिलाकर खा जाएं। फिर ऊपर से हल्का गर्म दूध पी लें। करीब-करीब एक महीने तक इस मिश्रण का उपयोग करें। इस दौरान संभोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। यह सेक्स क्षमता को बढ़ाने वाला सबसे अच्छा उपाय है।

हस्तमैथुन

अपने हाथ से लिंग को तेजी के साथ गति देकर वीर्य को निकाल देना ही हस्तमैथुन कहलाता है। हस्तमैथुन को दूसरी भाषा में आत्ममैथुन भी कहते हैं। किशोर अवस्था में अधिकांश युवक हस्तमैथुन की क्रिया को अंजाम देना शुरू कर देते हैं। कई पुरुष अपने मित्रों को हस्तमैथुन करते देखकर खुद भी यह कार्य करने लगते हैं। हस्तमैथुन को बढ़ावा देने वाली वह किताबें भी होती है जो सेक्स क्रिया को जगाती है। हस्तमैथुन वे किशोर व जवान व्यक्ति करते हैं जो आवारा किस्म के, अपनी जिंदगी के बारे में न सोचने वाले तथा अपनी पढ़ाई के बारे में बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं।

लक्षण- 

इस रोग के अंदर पढ़ने में मन न लगना, खाने-पीने का मन न करना, कोई भी कार्य करने का दिल न करना तथा सदा ऐसा मन करना कि किसी भी काम को करने पर असफलता ही हाथ लगेगी, इस तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

कारण- 

संगति का असरः-

किसी भी व्यक्ति पर अच्छी बातों का असर बहुत ही देरी से होता है लेकिन बुरी आदतों का असर शीघ्र ही हो जाता है। किशोरावस्था के अंदर युवक का मन और भावनाएं बहुत ही नाजुक होती है। स्कूल जाते समय तथा सड़को पर चलने-फिरने वाली सुंदर और दिल को भाने वाली लड़कियों को देखकर उनके अंदर सेक्स करने की शक्ति जागने लगती है तथा उनके शरीर के अंदर धीरे-धीरे उत्तेजना आने लगती है। स्कूल-कालेजों के अंदर अपने से ज्यादा अनुभवी युवाओं की संगति में रहकर वह ज्यादा उत्तेजित पुस्तके, सेक्स और उस के बारे में बाते करना लगते हैं। इसके बाद सेक्स से जुड़ी हुई गलत आदतों का शिकार होकर हस्तमैथुन करने लग जाते हैं। बार-बार हस्तमैथुन करने से उसे कुछ देर के लिए आनंद मिल जाता है। हस्तमैथुन करने से एक स्वस्थ पुरुष भी अपने-आपको रोगी महसूस करने लगता है। जो पुरुष बुरे दोस्तों के साथ रहने के कारण हस्तमैथुन के रोगी बन जाते हैं उन्हें उन दोस्तों का साथ खुद ही छोड़ देना चाहिए।

पारिवारिक माहौल का असरः- 

अगर घर का माहौल सही होता है तो बच्चे के अंदर भी अच्छी आदतें पैदा होती है। इसके अलावा अगर घर के सदस्य गंदी बातें करेंगे तो बच्चे भी गंदी आदतों का शिकार हो जाएंगे। जब कोई लड़का किशोरवस्था में पहुंचता है तो उस के मन में सेक्स के बारे में जानने की इच्छा जागृत होती है। वह अपने भाई-भाभी के सेक्स करने के तथा मां-बाप के चुम्बन करने पर बहुत ही बारिकी से ध्यान रखता है, अगर घर के लोग एंकात और शर्म के बारे में सोचे तो जवान होते बालक पर इस बात का कोई असर नहीं होता, इस तरह से उसके अंदर सेक्स करने की भावना जागृत नहीं होती। लेकिन घर के अंदर इस तरह के कार्य को करते हुए देखकर उसके मन में इस तरह की इच्छा पैदा हो जाती है और वह इस तनाव से मुक्ति पाने के लिए अपने हाथ को लिंग पर रख देता है। लिंग पर हाथ रखने के बाद उसको सहलाने से उसको बहुत अधिक मजा आने लगता है, जिसके वाद वह वीर्य को बाहर निकाल देता है। घर के अंदर इस तरह के वातावरण से जवान होते लड़कों पर बहुत ही गलत असर पड़ता है। कई बार तो लड़के रात के समय छुप-छुपकर अपने भाई-भाभी तथा मां-बाप को सेक्स क्रिया करते हुए देख लेते हैं। इस तरह से देखने के बाद उन के मन में भी इस तरह के कार्य करने का मन करता है, लेकिन कोई साधन न होने की वजह से वे हस्तमैथुन करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। इस तरह से एक बार आनंद आने के बाद वे बार-बार हस्तमैथुन करके अपने आपको तसल्ली दे देते हैं

लिंग की खुजलीः- 

लिंग की सफाई न करने की वजह से इसके आगे वाले भाग के नीचे काफी मात्रा में गंदा मैल जमा हो जाता है जिसकी वजह से उस स्थान पर बहुत खुजली होने लगती है। लिंग पर खुजली होने की वजह से लिंग के अंदर तनाव पैदा हो जाता है, जिसके कारण लिंग को सहलाने और खुजलाने की वजह से एक अजीब सा आनंद महसूस होता है। लिंग पर बार-बार हाथ लगने की वजह से लिंग सख्त हो जाता है और इसके अंदर तनाव आ जाता है। तब युवक थोड़े समय के आनंद के लिए अपने वीर्य को हस्तमैथुन करके बाहर निकाल देता है। थोड़े समय के आनंद के लिए वह बार-बार इस क्रिया को करता रहता है। इस तरह से करते रहने से उसकी यह आदत हस्तमैथुन का रूप धारण कर लेती है। इसलिए मां-बाप को बचपन से ही चाहिए कि बच्चे के लिंग के आगे के भाग की त्वचा को अच्छी तरह से खोलकर उसकी सफाई करने की आदत बच्चों में डाल दें। अगर इस तरह का कार्य बचपन से ही मां कर दें तो बच्चे को किसी भी तरह का कोई भी डर नहीं रहता है।

किसी अन्य तरह की हलचल होने के कारणः- 

कई बार लिंग में किसी अन्य रोग के हो जाने की वजह से एक हलचल सी होने लगती है, जिसके कारण किशोर अपने लिंग को हाथ के द्वारा रगड़ने लग जाता है। इस तरह की क्रिया करने से लिंग के अंदर सख्तपन और अधिक तनाव आ जाता है। इस प्रकार करते रहने से हस्तमैथुन की आदत पड़ जाती है।

गंदी किताबें और फिल्मों के देखने की वजह सेः- 

किशोरावस्था के अंदर गंदी किताबों और अश्लील पिक्चरों को देखने से भी युवक को हस्तमैथुन की आदत पड़ जाती है। इस तरह की किताबों और फिल्मों को देखकर जब युवक के शरीर के अंदर सेक्स करने की इच्छा जगने लगती है तो उसे समान रूप से संभोग के द्वारा इसको समाप्त कर देना इतना आसान नहीं होता है। इसके विपरीत शरीर के अंदर तेज होती वासना को समाप्त करने के लिए हस्तमैथुन का सहारा लिया जाता है। इस प्रकार यह कार्य करने से यह एक आदत सी बन जाती है और युवक इस कार्य को बार-बार करने के लिए मजबूर हो जाता है।

मूत्र को रोकने के कारणः- 

कई बार पुरुष जब मूत्र (पेशाब) को रोकता है तो वह हाथ को दबाकर तेजी से लिंग पर रख देता है, जिसके दबाव देने के कारण शरीर के अंदर एक अजीब सी उत्तेजना पैदा होती है। जिसका सीधा सम्पर्क मस्तिष्क से होता है। कई बार युवक का हाथ अनजाने में ही लिंग पर चला जाता है जिसके उसके अंदर उत्तेजना जागृत हो जाती है, उसे यह बहुत ही अच्छा लगता है। इस तरह से करने के बाद वह अपने लिंग को हाथ में लेकर आराम-आराम से सहलाने लगता है और वीर्य के निकलने तक वह इस क्रिया को करने के लिए अति उत्सुक रहता है।

हस्तमैथुन से पीछा छुड़ाने के लिए कुछ सरल उपचारः- 

हस्तमैथुन से पीछा छुडा़ने के लिए और इसका इलाज करने के लिए 2 तरीके हैं- 

1. पुरुष के अपने प्रयत्न के द्वारा भी इसका इलाज किया जा सकता है।
2. इसका इलाज दवाईयों के द्वारा भी किया जा सकता है।

व्यक्ति के अपने प्रयत्न के द्वाराः- 

1. व्यक्ति को अपने रोजाना की दिनचर्या इस तरह से बनानी होगी कि उसे किसी भी वक्त खाली बैठे रहने का समय ही न मिले। उसे हमेशा अपने आपको अपने मित्रों के तथा अपने परिवार के साथ हंसते-खेलते हुए और काम-काज में लगाए रखना चाहिए। हमेशा ज्ञान की किताबें तथा धार्मिक ग्रंथों को पढ़ते रहने से मन गंदे विषयों की तरफ नहीं भटकेगा और मन के अंदर भी शांति भी बनी रहेगी।
2. व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर ताजी हवा में घूमना चाहिए। अगर घर के अंदर घास उगा हुआ खुला बाग हो या घर के आस-पास कोई पार्क हो तो वहां पर जाकर सुबह के समय में नंगे पांव ही घूमने की कोशिश करें। इस तरह से करने से आपका शरीर स्वस्थ रहेगा और मन के अंदर भी शांति बनी रहेगी तथा शरीर में ताकत भी आ जाएगी।
3. व्यक्ति को कभी भी तेज मिर्च-मसालों वाला भोजन नहीं करना चाहिए, नशीली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा तली हुई चीजें कम ही खायें या हो सके तो कम ही कर दें।
4. व्यक्ति को सदा सादा भोजन ग्रहण करना चाहिए, अगर हो सके तो हफ्तें के अंदर एक दिन का भोजन न करें। भोजन करने के साथ-साथ कुछ दिनों के लिए फल का इस्तेमाल करें और हो सके तो फलों के रस का सेवन करें।
5. व्यक्ति को बुरे मित्रों का साथ तुरंत ही छोड़ देना चाहिए। कभी भी अश्लील किताबें न पढ़े और गंदी तथा काम उत्तेजना को बढाना देने वाली फिल्मों को कदापि न देखें। अपने आप को अच्छे कार्य में लगाए रखें। इससे आपका मन नहीं भटकेगा।
6. मल त्याग करने के बाद, शौच आदि से निपटने के बाद अण्डकोष, लिंग तथा हाथ-पांव को अच्छी तरह से ठंडे पानी से धोकर साफ करना चाहिए।
7. पेट के अंदर कभी भी कब्ज न बनने दें, पेट को हमेशा साफ रखें। पेट के साफ न रहने से कई प्रकार की बीमारी हो जाती है। अगर पेट में किसी प्रकार की कोई शिकायत हो तो शीघ्र ही किसी अच्छे डाक्टर से मिलकर इस समस्या का समाधान करें।

घरेलू औषधियों के द्वारा हस्तमैथुन का इलाजः- 

कुछ घरेलू दवाईयों के द्वारा भी हस्तमैथुन जैसे रोग से छुटकारा पाया जा सकता हैः- 

500 ग्राम प्याज के रस को 250 ग्राम शुद्ध शहद में मिला लें। इसके बाद इसे धीमी आग पर गर्म करने के लिए रख दें। इसे तब तक पकाते रहे जब तक प्याज का रस जल जाए और केवल शहद बच जाए। शुद्ध शहद के बच जाने पर इसके अंदर 250 ग्राम मूसली का चूर्ण मिलाकर इसको अच्छी तरह से घोंटकर एक साफ की हुई कांच की शीशी में भर लें। इसके बाद इस चूर्ण को सुबह और शाम के समय में हस्तमैथुन के रोगी को खिलाने से हस्तमैथुन जैसे सभी रोग समाप्त हो जाएगें और उसके अंदर एक नयी प्रकार की स्फूर्ति और शरीर के अंदर सेक्स करने की ताकत में बढोतरी होगी। बेल और पान की जड़ का चूर्ण बनाकर उसमें शहद को मिला लें। फिर इसकी बेर की गुठली के बराबर की गोलियां बनाकर रख लें। इस गोली को 2-2 की मात्रा में गाय के दूध के साथ सुबह और शाम के समय में रोजाना सेवन करने से हस्तमैथुन की वजह से पैदा हुए शीघ्रपतन का रोग समाप्त हो जाता है और संभोग करने की ताकत बहुत अधिक बढ़ जाती है।

क्या स्त्रियां भी हस्तमैथुन करती है ?

 कई पुरुषों का यह सोचना है कि क्या स्त्रियां भी हस्तमैथुन करने में रुचि लेती है, तो इसका जवाब यह है कि आज के युग में स्त्रियां भी हस्तमैथुन करती है। यह बात बिल्कुल ठीक है। जब बालिका की उम्र 12 से 13 साल के आस-पास हो जाती है तो उनके शरीर के अंगों का तेजी से विकास होने लगता है उस समय वह अपनी योनि के अग्र भाग को मसलकर इस तरह के कार्य को करने लग जाती है। स्त्रियों के शरीर के अंदर उनको उत्तेजित करने वाला सबसे नाजुक भाग योनि का ही होता है। जिस तरह से लड़को को हस्तमैथुन करने से सुख की प्राप्ति होती है उसी प्रकार लड़कियों को भी अपनी योनि के अग्र भाग को रगड़ने से सेक्स क्रिया करने का आनंद प्राप्त होता है। अधिकतर वे स्त्रियां जो किसी वजह से पुरुष के साथ सेक्स क्रिया नहीं कर पाती है वे इस तरह का कार्य करके अपनी सेक्स वासना को संतुष्ट कर लेती है। अधिकतर यह देखा गया है कि कभी-कभी लड़किया कोई एकांत सी जगह देखकर मोमबत्ती, खीरा, गाजर व बैंगन जैसी अन्य चीजों को लेकर अपनी कामवासना को मिटा लेती है।

किन-किन अवस्था में हस्तमैथुन किया जाता हैः- 

जिन युवकों की शादी उम्र बीत जाने के बाद भी काफी समय के बाद भी नहीं होती है। जिन पुरुषों को बाहर नौकरी करने के लिए एक लम्बे समय तक अपनी पत्नी से दूर रहना पड़ता है। वे पुरुष जिनकी पत्नी मर जाती है और उनकी दूसरी शादी काफी लंबे समय तक नहीं हो पाती है। वे पुरुष जिनकी पत्नियां गर्भवती होती है या उनकी पत्नियां काफी लम्बे समय से बीमारी से ग्रस्त होती है। वृद्धावस्था के अंदर जब प्रोस्टेट ग्रन्थियां बढ़ जाती है तो आप्रेशन आदि के द्वारा भी इसका इलाज न हो पाने की वजह से भी हस्तमैथुन करना पड़ जाता है।

सावधानी- 

इस तरह के कोई रोग हो तो उनको समाप्त करने के लिए सप्ताह के अंदर एक या दो बार सेक्स क्रिया जरुरी होता है। अगर सेक्स क्रिया करने का कोई साधन ना हो तो शरीर तथा मन के अंदर उठी हुई कामवासना को समाप्त करने के लिए सप्ताह में एक या दो बार हस्तमैथुन कर सकते हैं।