Wednesday 23 August 2017

योनि की खुजली

कई कारणों से स्त्रियों की योनि में खुजली (कण्डु) होने लगती है। खुजली होने पर युवती को बार-बार अपना हाथ वहाँ ले जाना पड़ता है, यह अशोभनीय लगता है। योनि में खुजली होने के कई कारण हो सकते हैं, इन कारणों में संक्रमण (इन्फेक्शन) होना, गन्दगी यानी रोजाना सफाई-धुलाई न करने से अस्वच्छता का होना, फिरंग, पूयमेह या उपदंश आदि यौन रोग होना, रक्त विकार होना, हमेशा कब्ज रहना और पति के यौनांग में कोई इन्फेक्शन होना, जिस कारण पति सहवास के समय सम्पर्क होने से योनि में भी इन्फेक्शन होना आदि प्रमुख कारण हैं। इस व्याधि में योनि मार्ग पर लाल दाने और दाह भी हो सकता है। यह व्याधि आमतौर पर स्त्रियों में पाई जा रही है। चिकित्सा (1) नीम, हरड़, बहेड़ा, आँवला और जमाल घोटा की जड़ 100-100 ग्राम लेकर जौकुट कर लें और बर्नी में भरकर रख लें। एक गिलास पानी में चार चम्मच जौकुट चूर्ण डालकर उबालें। जब पानी एक कप बचे, तब उतारकर कपड़े से छान लें। इस पानी से योनि को धोएँ या इस पानी में कपड़ा या साफ रूई भिगोकर योनि में रखकर 1-2 घण्टे लेटे रहें तो भी लाभ होता है। यह प्रयोग रात को सोते समय भी कर सकते हैं। प्रसिद्ध आयुर्वेदिक 'धातक्यादि तेल' का फाहा सोते समय योनि में रखने से शीघ्र लाभ होता है। (2) सरसों के तेल में नमक मिलाकर योनि के खुजली वाले स्थान पर लगाएँ व कुछ समय बाद धो दें। (3) आमलकी रसायन, शकर 50-50 ग्राम और गिलोय सत्व 25 ग्राम तीनों को मिलाकर बारीक पीस लें और महीन चूर्ण करके शीशी में भर लें। इस चूर्ण को 1-1 चम्मच दिन में तीन बार पानी के साथ लें। सुबह-शाम चन्दनादि वटी की 2-2 गोली पानी के साथ लें और रात को सोते समय धातक्यादि तेल का रूई का फाहा योनि में रखें। (4) रात को एक कप कुनकुने दूध में 2 चम्मच केस्टर ऑइल डालकर तीन दिन तक पिएं। तीन दिन बाद शिलाजत्वादि वटी और चन्द्रप्रभा वटी नं.-1 दो-दो गोली सुबह-शाम दूध के साथ लें व 'धातक्यादि तेल' का फाहा योनि में रखे। इसके बाद सुबह त्रिफला चूर्ण 20 ग्राम को पानी में उबलकर ठंडा करें, उसमें शहद मिलाकर योनि प्रदेश की सफाई करें, फिर स्नान करते समय पानी से धोएं। (5) नीम के पत्तों को पानी में उबालकर उसी पानी से योनि की सफाई करें। नारियल के तेल में कपूर मिलाकर योनि पर लगाने से भी खुजली दूर होती है। (6) एक गिलास छाछ में नीबू निचोड़कर सुबह खाली पेट पिएं। 3-4 दिन यह प्रयोग करने से खुजली दूर हो जाती है। (7) 100 ग्राम फिटकरी का बारीक चूर्ण कर लें। 5 ग्राम चूर्ण आधा लीटर गुनगुने पानी में मिलाकर उससे योनि साफ करें, ऐसा दिन में 3-4 बार करें, आराम मिलेगा। (8) गूलर के पेड़ की कुछ पत्तियां आधा लीटर पानी में उबालें, उसमें एक ग्राम सुहागा मिलाकर पिचकारी की तरह योनि में छोड़ें, खुजली में आराम मिलेगा। (9) एरंड के तेल का फाहा बनाकर योनि में रखने से योनि दर्द, सूजन व खुजली में आराम मिलता है। (10) नीम के फल का बीज और एरंड के बीजों को नीम के रस में पीसकर योनि पर लेप करने से सूजन, दर्द दूर होता है। यह प्रयोग तीन दिन तक करना चाहिए। (11) अफीम के डोडे का काढ़ा बनाएं, इसे प्रसव के बाद होने वाले योनिशूल या गर्भाशय पीड़ा में प्रसूता को पिलाने से आराम मिलता है। नारियल की गिरि खिलाने से प्रसूति बाद का दर्द दूर होता है। (12) प्रसव के समय योनि में क्षत (घाव या छिलन) होने पर लोध्र का महीन पिसा चूर्ण शहद में मिलाकर योनि के अन्दर लगाने से क्षत ठीक होते हैं। पुष्यानुग चूर्ण : केसर के स्थान पर नागकेसर डालकर बनाया गया योग पुष्यानुग चूर्ण नंबर 2 महिलाओं के गर्भाशय एवं योनि प्रदेश से संबंधित व्याधियों के लिए अत्यंत लाभकारी है। इस योग की विशेषता यह है कि यह अकेला ही सभी प्रकार के प्रदर रोगों के अलावा गर्भाशय शोथ, गर्भाशयभ्रंश, योनिक्षत आदि कई रोगों को दूर करता है। यह इसी नाम से बना बनाया बाजार में मिलता है

3 comments:

  1. A healthy vagina has bacteria and some yeast cells. But when the balance of bacteria and yeast changes, the yeast cells can multiply. This causes intense itching, swelling, and irritation. You can treat vaginal yeast infections with natural remedies. Visit http://www.vagitotcream.com/

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